बीटेक स्टूडेंट को मुठभेड़ में गोली मारने वाले पूर्व SHO समेत 12 पुलिसवालों पर मंगलवार को नोएडा के जेवर थाने में हुई FIR
एक सितंबर, 2022 को नीमका गांव में हिस्ट्रीशीटर नागेश की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। नागेश को सुंदर भाटी की गैंग का सदस्य बताया गया। इस मामले में पुलिस ने चमन, दिलीप, प्रवीण, जितेंद्र विजय विकास, सोमेश गौतम पर गैंगस्टर लगाया था।
छात्र के पिता ने मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए कोर्ट में शिकायत की थी। पिता का आरोप था कि पुलिस वाले एक हत्या के मामले में मुझे और बेटे को घर से ले गए। करंट लगाया। जुर्म कबूल करने की धमकी दी। पिता ने घर से हिरासत में लिए जाने का CCTV कोर्ट में पेश किया। जिसमें पुलिस वाले बाप-बेटे को कहीं ले जाते दिख रहे हैं। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सोमवार को FIR के आदेश दिए थे, मंगलवार को पुलिसवालों पर केस दर्ज हुआ है। इनमें SHO के अलावा 6 दरोगा और 5 कॉन्स्टेबल हैं , मथुरा का रहने वाला परिवार, दिल्ली में रहता था बेटा मथुरा के कदंब विहार निवासी तरुण गौतम ने बताया- 4 सितंबर, 2022 की शाम बिना नंबर प्लेट वाली दो गाड़ियां मेरे घर पहुंची। कार में पुलिसकर्मी थे। ये सभी लोग मेरे बेटे सोमेश के बारे में पूछते हुए घर के अंदर घुस आए।मैंने उन्हें बताया कि बेटा राजस्थान के कोटा से बीटेक कर रहा है। वो दिल्ली में तीन महीने के लिए कोचिंग करने गया है।
उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों ने मेरे साथ मारपीट की। घर में घुसकर तोड़फोड़ की और अलमारी से 22 हजार रुपए लूट लिए। फिर मुझे जबरन कार में बिठाकर दिल्ली ले गए। देर रात मैं बेटे सोमेश के दिल्ली के शकरपुर स्थित कमरे पर पहुंचा। पुलिस वालों ने मेरे बेटे को बहुत पीटा और कार में डाल लिया। उस वक्त पुलिस वालों ने बताया था कि बेटे सोमेश का नाम जेवर कोतवाली क्षेत्र के नीमका गांव में हुए हत्या के एक मामले में सामने आया है। पुलिस वाले मुझे और मेरे बेटे को जेवर थाने लेकर आ गए। यहां मुझे और मेरे बेटे को बहुत पीटा। मेरे बेटे को करंट भी लगाया। धमकी दी कि जैसे मैं बोलता हूं, वैसे ही करो। वरना तुम बाप-बेटे को जान से मार देंगे। बेटे को छोड़ने के लिए मांगे 1 लाख रुपए तरुण गौतम ने बताया- पुलिस वालों ने उस पर कई फर्जी मुकदमे दर्ज कर गैंगस्टर एक्ट लगा दिया। बेटे के एनकाउंटर के बाद पुलिस ने मुझे छोड़ने के एवज में एक लाख रुपए की मांग की। मेरे परिजनों ने रुपए का इंतजाम कर मुझे छुड़ाया। आरोप लगाया कि मैं लगातार कार्रवाई को लेकर थाने के चक्कर काटता रहा। मगर किसी ने मेरी नहीं सुनी। इसके बाद मैं कोर्ट की शरण में पहुंचा।
अभिषेक भाटी संवाददाता नोएडा 🖋️